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बुधवार, 27 मई 2009

गर्मी से कैसे बचें



गर्मी का पारा लगातार ऊपर चढता जा रहा है। गर्मी पिछले कई वर्ष पुराने रिकॉर्ड को तोड रही है। अभी पिछले दिनों अप्रैल में तापमान ने पिछले 50 वर्ष पुराने रिकॉर्ड को तोडा। ऐसे में गर्मी से खुद को कैसे बचाया जाए हम सभी के लिए सबसे बडी समस्या बन गई है। क्योंकि बच्चों के खेल-कूद और पढाई के साथ बडाें की नौकरी तक के सारे काम ऐसे हैं, जिनके साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। लेकिन यदि थोडी सी सावधानी बरती जाए तो कई बडी बीमारियों से बचा जा सकता है।

खाने-पीने का रखें ख्याल

गर्मी में खान-पान का महत्व कई गुणा बढ ज़ाता है क्योंकि सर्दियों में फास्ट फूड जैसे गर्म पदार्थ ज्यादा हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन गर्मियों में वही घातक साबित हो सकते हैं। हमें अधिक से अधिक घर का बना भोजन खाना चाहिए। संभव हो तो खाने में हरी सब्जी और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ऐसे खाद्य पदार्थ ज्यादा खाएं जिसमें पानी की अधिकता हो। साथ ही पानी का सेवन भी अधिक से अधिक करना चाहिए। वैसे तो हर व्यक्ति को चार-पांच लीटर पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए, लेकिन मौसम को देखते हुए इसे बढ़ाया जा सकता है। साथ ही जूस और दूसरे द्रव्य पदार्थ का सेवन करते रहें।

घर से निकलते समय रखें ख्याल

घर से निकलने से पहले पानी पीकर निकलें। हो सके तो पानी की बोतल भी साथ में रखें। छतरी साथ में रखने से अनावश्यक धूप से बचा जा सकता है, जो स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा को भी धूप से बचाने में सहायक होता है।

धूप में निकलने से बचें

मौसम को देखते हुए कोशिश करें कि धूप में न निकलें। अगर निकलना ही पडे तो शाम या सुबह में निकलने का प्रयास करें। महिलाओं और बच्चों को तो खासतौर से धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए, क्योंकि इनकी त्वचा नाजुक होती है। अगर आप धूप में निकले हैं और अचानक से वातानुकूलित कमरे या ऑफिस में आना पडे, तो एकाएक जाने की बजाय थोडी ठंडी जगह पर रूकने के बाद जाएं।

क्या खाएं क्या नहीं

गर्मी के मौसम में इस मौसम के फल का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककडी ज़ैसे फल शरीर को उचित मात्रा में पानी देने के साथ-साथ गर्मी से लडने की शक्ति भी देते हैं।

मरीज के लिए सावधानियां

ब्लडप्रेशर और मधुमेह जैसी बीमरियों से ग्रस्त मरीजों को गर्मी में खास सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि बढते तापमान में उनकी बीमारी भी बढ़ सकती है। उन्हें इनफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। उन्हें उपरोक्त सावधानियों के साथ-साथ डॉक्टरी सलाह भी लेते रहना चाहिए।

साभार - देशबंधू

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