Grab the widget  IWeb Gator

रविवार, 31 मई 2009

शत्रुओं में फूट से अपना लाभ


किसी नगर में द्रोण नाम का एक निर्धन ब्राह्मण रहा करता था। उसका जीवन भिक्षा पर ही आधारित था। अतः उसने अपने जीवन में न कभी उत्तम वस्त्र धारण किए थे और न ही अत्यंत स्वादिष्ट भोजन किया था। पान-सुपारी आदि की तो बात ही दूर है। इस प्रकार निरंतर दुःख सहने के कारण उसका शरीर बड़ा दुबला-पतला हो गया था।ब्राह्मण की दीनता को देखकर किसी यजमान ने उसको दो...

भली सीख न मानने का बुरा फल


किसी स्थान पर उद्धत नाम का एक गधा रहता था। दिनभर वह धोबी के साथ रहकर उसके कपड़े ढोता था। रात को धोबी उसको छोड़ देता था और वह मनमाना इधर-उधर घूमा करता था। प्रातःकाल होते ही वह स्वयं ही धोबी के घर पर आ उपस्थित होता जिससे कि धोबी उस पर विश्वास करके उसको कभी बांधता नहीं था।इस प्रकार किसी दिन रात को खेत में चलते हुए उसकी मित्रता एक श्रृंगाल (सियार)...

छोटे का भी साथ भला भेजें


किसी नगर में ब्रह्मदत्त नाम का एक ब्राह्मण रहता था। उसको किसी आवश्यक कार्य से एक दिन किसी अन्य ग्राम को जाना था। उसने जब अपनी माता से गांव जाने की बात कही तो उसकी मां ने कहा, “अकेले मत जाना, किसी को साथ ले लेना।”बेटा बोला, “मां! चिन्ता मत करो। रास्ता भी ठीक ही है और मुझे जाना जरूरी है, इसलिए अकेला ही जा रहा हूं।” मां का मन नहीं माना। वह समीप...

शनिवार, 30 मई 2009

काव्या बनीं 'स्पेलिंग बी' चैंपियन


अमरीका के कैंसस में रहने वाली भारतीय मूल की काव्या शिवशंकर ने मशहूर 'स्क्रिप्स स्पेलिंग बी' चैंपियंस ख़िताब जीत लिया है. 13 साल की काव्या ने महीनों के प्रशिक्षण के बाद नौ शब्दों की सही स्पेलिंग बताई और विजेता बनीं.प्रतियोगिता में कुल मिलाकर 293 प्रतिस्पर्धियों ने हिस्सा लिया. इनमें 28 प्रतियोगी ग़ैर-अमरीकी देशों के भी थे.आख़िरी दौर में काँटे...

शुक्रवार, 29 मई 2009

यूं कम हो जाएगी टीवी देखने की आदत


अमरीकन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बारह वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन एक घंटे से अधिक टेलीविजन नहीं देखना चाहिए। यदि आपका बच्चा इससे अधिक समय तक टीवी देखता है तो उसे मोटापे व आंख की समस्या हो सकती है। इसके अलावा उसकी क्रियेटिविटी भी कम हो जाती है। आइये, हम आपको बताते हैं कि बच्चों को ज्यादा टीवी देखने से कैसे रोका जाए* अपने बच्चे के...

गुरुवार, 28 मई 2009

बूझो तो जाने


अक्सर बुरा तनाव होता हैलेकिन मैं गुणकारी,जल पर चीजो को तैरा दूँजिससे करता यारी |मैं ऐसा गुण होता बच्चोंजो विधुत उपजाए,उपस्थित आवेशो की भीमेरा गुण दिखलाए |श्वेत प्रकाश साथ रंगों कापुंज जगत में प्यारा,क्या कहते हैं सोच-समझकर बोलो नाम हमारा |पानी के तल पर क्यों सिक्का उठा हुआ है दिखता,मैं हूँ घटना कौन, हाथ इसमें मेरा ही मिलता?अति साधारण हूँ...

बुधवार, 27 मई 2009

माई इंडिया - गोवर्धन यादव


ब्लेकबोर्ड पर हिन्दुस्तान का नक्शा बनाकर शहरों का नाम लिख रहा था। दिल्ली को चिन्हित कर दिल्ली भर लिख पाया था कि तभी एक हवाईजहाज स्कूल के ऊपर से घरघराता निकल गया। क्लास के बच्चों का ध्यान उस तरफ जाना स्वाभाविक था। थोड़ी देर पश्चात् वह फिर से स्कूल के ऊपर से गुजरा और आगे जाकर लौट आया। उसने पूरे गांव के तीन-चार चक्कर लगाए और जमीन पर उतरने लगा।...

चेहरे की खूबसूरती का राज फेस मास्क


बाजार में तरह-तरह के फेस मास्क उपलब्ध हैं जैसे संतरे का, चंदन का और मुल्तानी मिट्टी का पर ये काफी महंगे होते हैं। साथ ही उन्हें खरीदते समय भी विशेष सावधानी बरतनी आवश्यक है जैसे-आप जब भी कोई फेस मास्क खरीद रही हैं तो अच्छी कंपनी का ही लें और प्रसाधन का प्रयोग करने से पूर्व उसमें प्रयुक्त सामग्री के विषय में पढ़ लें। कहीं किसी से आपकी त्वचा...

छुट्टियों को यादगार बनाएं


ग्रीष्मावकाश शुरू हो गया है, तुम लोग भी स्वयं को तनावमुक्त व हल्का महसूस कर रहे होगे, क्योंकि होमवर्क करना, पढ़ाई करने की जिम्मेदारी से अब आपको मुक्ति मिल गई है। दिन भर खेल, धमाचौकड़ी करने की कल्पना मात्र से सभी बच्चे प्रफुल्लित रहते हैं, लेकिन ऐसा कुछ समय तक ही रहता है। फिर बच्चों को बोरियत महसूस होने लगती है कि लंबी दुपहरी कैसे बिताई जाए?...

गर्मी से कैसे बचें


गर्मी का पारा लगातार ऊपर चढता जा रहा है। गर्मी पिछले कई वर्ष पुराने रिकॉर्ड को तोड रही है। अभी पिछले दिनों अप्रैल में तापमान ने पिछले 50 वर्ष पुराने रिकॉर्ड को तोडा। ऐसे में गर्मी से खुद को कैसे बचाया जाए हम सभी के लिए सबसे बडी समस्या बन गई है। क्योंकि बच्चों के खेल-कूद और पढाई के साथ बडाें की नौकरी तक के सारे काम ऐसे हैं, जिनके साथ समझौता...

पेट की कई समस्याओं का आसान इलाज है हरड़


हरड़ या हरीतकी का वृक्ष 60 से 80 फुट ऊंचा होता है। प्रधानत: यह निचले हिमालय क्षेत्र में रावी तट से बंगाल आसाम तक लगभग पांच हजार फुट की ऊंचाई तक पाया जाता है। इसकी छाल गहरे भूरे रंग की होती है तथा पत्तों का आकार वासा के पत्तों जैसा होता है। सर्दियों में इसमें फल आते हैं जिनका भंडारण जनवरी से अप्रैल के बीच किया जाता है। मौटे तौर पर हरड़ के...

नेचरल रहें, खूबसूरत लगें


गर्मियों में आप कितना ही वॉटरप्रूफ मेकअप कर लें, लेकिन वह मेल्ट हो ही जाता है। सन प्रोटेक्शन गर्मियों में आप जो लिप बाम यूज करती हैं, उसे यूज करने से पहले फ्रिज में रख दें। जब भी आप इस ठंडे लिप बाम को लगाएंगी, तो बेहद फ्रेश फील करेंगी। इस मौसम में आप फ्रूट फ्लेवर वाले लिप बाम भी ट्राई कर सकती हैं। इनकी खुशबू आपको गर्मी में भी कूल बनाए रखेगी।...

सेहत के लिए जरूरी है नींद


जिंदगी के लिए आहार, निद्रा और मैथुन तीन प्राकृतिक कर्म माने गए हैं। शेक्सपीयर ने नींद को जिंदगी का सबसे महान पोषक माना है। यह तो हम सभी जानते हैं कि शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए नींद और आराम निहायत जरूरी है, लेकिन ऐसे कितने भाग्यवान लोग हैं, जिन्हें रातभर चैन की नींद आती है? प्राचीन समय से ही स्वस्थ रहने के नियमों में सबसे पहला...

क्या आप जानते हैं?


इतनी लंबी मोमबत्ती!आम मोमबत्तियां तो हम सबने देखी हैं, रंग-बिरंगी, छोटी-लंबी-मोटी है न! लेकिन सन् 1897 में स्टॉकहोम प्रदर्शनी में एक ऐसी मोमबत्ती दिखाई गई थी, जिसकी ऊंचाई 80 फुट और व्यास 8.5 फुट था।पत्थर से बना पाउडरशरीर पर लगाए जाने वाले सुगंधित टैल्कम पाउडर ‘टैल्क’ नामक पत्थर, जो सबसे मुलायम खनिज है, से बनाया जाता है। इसमें बाद में सुगंधि...

आम आदमी में देश का भविष्य देखते थे नेहरू


आधुनिक भारत के शिल्पी कहे जाने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू न केवल एक राष्ट्रवादी और युगदृष्टा थे, बल्कि जनवादी भी थे। उन्होंने स्वतंत्र भारत में समतामूलक विकास की नींव रखी। नेहरू (14 नवंबर 1889-27 मई 1964) ने स्वतंत्र भारत में संसदीय सरकार और जनवाद को बड़ी सावधानी से पाला-पोसा और इसकी जड़ें मजबूत की। इसे हम पंद्रहवीं लोकसभा...

मंगलवार, 26 मई 2009

अब भैंस खाएगी हर्बल बिस्किट


छिंदवा़ड़ा। चारा, भूसा और खली-चुनी के साथ अब गाय भैसों को जायकेदार "हर्बल बिस्किट" खाने को मिलेंगे। 16 किस्मों की जड़ी-बूटी से तैयार यह बिस्किट दुधारू पशुओं की दूध क्षमता ब़ढ़ाने में सहयोगी साबित होगा। पातालकोट में निवास करने वाले आदिवासी भुमकाओं के पारंपरिक ज्ञान को मूर्तरूप देकर छिंदवा़ड़ा निवासी डॉ. दीपक आचार्य ने औषधीय विज्ञान की दुनिया...

सोमवार, 25 मई 2009

उपन्यास 'आकाश चम्पा' का अंश


अगली शाम को मचान पर लिखते समय बुधुआ की बोली ने खलल डाली, ‘हमरा ऊपर विसवास नै छै?’मोतीलाल के कान खड़े हो गए. किससे झगड़ रहा है बुधुआ? मामी से?‘जब अपने पहरा पर बैठना था तो हमरा काहें ला बैठाई थीं?’बात धीरे-धीरे समझ में आती है मोतीलाल के, कि अकेले बुधुआ ही पहरा नहीं देता था मामी भी पहरे पर रहती थीं. हद ही हो गई खातिरदारी की.धीरे-धीरे कुछ और...

वक़्त


यह कैसा वक़्त हैकि किसी को कड़ी बात कहोतो वह बुरा नहीं मानता.जैसे घृणा और प्यार के जो नियम हैंउन्हें कोई नहीं जानताख़ूब खिले हुए फूल को देख करअचानक ख़ुश हो जाना,बड़े स्नेही सुह्रदय की हार परमन भर लाना,झुँझलाना,अभिव्यक्ति के इन सीधे सादे रूपों को भीसब भूल गए,कोई नहीं पहचानतायह कैसी लाचारी हैकि हमने अपनी सहजता हीएकदम बिसारी है!इसके बिना जीवन...

मुझे फिर से लुभाया


मुझे फिर से लुभायाखुले हुए आसमान के छोटे से टुकड़े ने,मुझे फिर से लुभाया.अरे! मेरे इस कातर भूले हुए मन कोमोहने,कोई और नहीं आयाउसी खुले आसमान के टुकड़े ने मुझेफिर से लुभाया. दुख मेरा तब से कितना ही बड़ा होवह वज्र सा कठोर,मेरी राह में अड़ा होपर उसको बिसराने का,सुखी हो जाने का,साधन तो वैसा हीछोटा सहज है.वही चिड़ियों का गानाकजरारे मेघों कानभ...

बरसते हैं मेघ झर-झर


बरसते हैं मेघ झर-झरभीगती है धराउड़ती गंधचाहता मनछोड़ दूँ निर्बंधतन को, यहीं भीगेभीग जाएदेह का हर रंध्ररंध्रों में समाती स्निग्ध रस की धारप्राणों में अहर्निश जल रहीज्वाला बुझाएभीग जाएभीगता रह जाए बस उत्ताप!बरसते हैं मेघ झर-झरअलक माथे परबिछलती बूँद मेरेमैं नयन को मूँदबाहों में अमिय रस धार घेरेआह! हिमशीतल सुहानी शांतिबिखरी है चतुर्दिकएक जो अभिशप्तवह...

एक बाल कविता


दो देशों के बीच मचा जब घोर महासंग्राम,दिन पर दिन बीते, आ गए लाखों सैनिक काम!कभी किसी का पलड़ा भारी कभी कोई बलशाली,होते होते एक देश का हुआ ख़ज़ाना ख़ाली!उसने राजदूत बुलवा कर भेजा एक प्रस्ताव,क्षमा करें, संधि करलें पर चलें न कोई दाँव!उत्तर आया इतने हाथी, इतने घोड़े दे दो,इतनी मुद्राएँ, वस्त्रों के इतने जोड़े दे दो!एक शर्त पर और है अपनी दस सेवक...

बादल का छाताः


एक था नन्हा सा बच्चा. नाम तो न जाने उसका क्या था, पर घर में सब उसे बचुआ कहकर बुलाते थे.एक दिन बचुआ घर के पास वाले सरस्वती पार्क में घूमने गया. वहाँ ढेर सारे बच्चे मिलकर खेल रहे थे. पर बचुआ का कोई दोस्त नहीं था. वह चुपचाप पार्क के एक कोने में बैठकर आकाश में उमड़-घुमड़ रहे बादलों को देख रहा था. बादलों की अजब-गजब शक्लें थीं. कोई हाथी, कोई ऊँट,...

पुश्तैनी तलवार


जब तेनालीराम राज दरबार में आना शुरू कर चुके थे उस समय का यह किस्सा है।सम्राट कृष्णदेव राय के वंशज पुश्तों से विजय नगर पर राज्य करते आए थे। प्रत्येक राजवंश की महत्वपूर्ण वस्तुओं की हिफाजत के लिए सम्राट ने एक विशाल संग्रहालय की स्थापना की। उसकी देख-रेख के लिए अनेक होशियार तथा काबिल कर्मचारियों का निरीक्षण कर रहे थे। एकाएक अपने पूर्वज नरेश नायक...

सोने की गेंद


हर रविवार की सुबह गांव के कुछ लोग चौपाल पर जमा होकर यहां-वहां की हांकने में जुटे थे। तभी गांव का एक धनी दुकानदार भी वहां आ पहुंचा और शेखी बघारते हुए बोला, ‘तुम सब अपनी बातें छोड़ो, मेरी सुनो। मैं तो हरीश सेठ के बंगले के अंदर जाकर सब कमरे भी देख चुका हूं।’लोगों को उसकी बात पर सहसा विश्वास न हुआ क्योंकि हरीश सेठ उस गांव का ही नहीं, पूरे नगर...

शनिवार, 23 मई 2009

गोटू व मोटू


गोटू और मोटू जोकर डंबो सर्कस में काम करते थे। वे दोनों अच्छे मित्र थे। गोटू बहुत लंबा और पतला था, जबकि मोटू छोटा व मोटा था। एक दिन गोटू और मोटू सर्कस में करतब दिखा रहे थे। गोटू हवा में साबुन के बुलबुलों को पकड़ने की कोशिश कर रहा था। यह देख कर बच्चे हँसते हुए तालियाँ बजाने लगे।उसी समय अचानक गोटू ने थोड़ासा साबुन वाला पानी जमीन पर उड़ेल दिया। फिर जैसे ही मोटू बुलबुले को पकड़ने के लिए ऊपर की ओर कूदा, फिसल कर नीचे गिर गया।मोटू दर्द के...

गुरुवार, 21 मई 2009

सम्पादक का पत्र


मेरे नन्हे मुन्हे दोस्तों और मेरे बड़े पाठकगण आज से मैं इस ब्लॉग की सुरुवात कर रहा हूँ | यह ब्लॉग आपके परिचित ब्लॉग संघ साधना का ही एक अंग है | अंतर सिर्फ यही है की उस ब्लॉग में नन्हे मुन्ने पाठको को बड़े बड़े विषय समझ में नहीं आते है कुछ मित्रो ने मुझे कहा की संपादक महोदय एक ऐसा ब्लॉग होना चाहिए जिसमे छोटे बच्चो के लिए ऐसे विषय हो जिनसे...
 

बाल जगत |:|संघ साधना द्वारा संचालित |:| Copyright © 2009 Flower Garden is Designed by Ipietoon for Tadpole's Notez Flower Image by Dapino